लोकहित के लिए समर्पित राजनेता हैं ओंकार सिंह : नैमिष प्रताप सिंह
 

लोकहित के लिए समर्पित राजनेता हैं ओंकार सिंह 

 

लखनऊ।आज वे अपने जीवन के 58 वर्ष व्यतीत कर 59 वें वर्ष की संघर्ष यात्रा में प्रवेश करेंगे. ओंकार सिंह जी तराई इलाके के बहराइच जनपद में एक मध्यवर्गीय परिवार में जन्में एवं छात्र जीवन से ही समाजवादी विचारधारा के प्रति आकर्षित हो गए।महात्मा गांधी ,आचार्य नरेन्द्रदेव, लोकनायक जय प्रकाश नारायण, डा.लोहिया , चौधरी चरण सिंह , राज नारायण , मधु लिमये से प्रभावित एवं प्रेरित ओंकार सिंह जी को संगठन की राजनीति का व्यापक अनुभव हैं।उनको किसानों , मजदूरों , कामगारों सहित श्रमिक समाज एवं ग्रामीण भारत की विवशताओं और चुनौतियों की अच्छी समझ हैं।उनका राजनीतिक कर्म समाज में सबसे निचले पायदान पर खड़े दलितों , पिछड़ों , अल्पसंख्यकों सहित गरीबों - मजलूमों के इर्द - गिर्द घूमता रहा।शायद यही कारण था कि उनको पूर्व प्रधानमंत्री एवं समाजवादी नेता रहे चन्द्रशेखर , कमांडर अर्जुन सिंह भदौरिया , पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी.देवेगौड़ा, प्रख्यात  समाजवादी चिंतक सुरेंद्र मोहन , क्रांतिकारी समाजवादी एवं पूर्व रक्षा मंत्री  जार्ज फर्नाडींज , पूर्व केन्द्रीय मंत्री शरद यादव , बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ... के साथ कार्य करने और ऐसे  राष्ट्रीय नेताओं का सानिध्य प्राप्त करने का अवसर मिला।

                           वर्तमान में ओंकार सिंह जी, किसान राजनीति की धुरी बन रहे तथा जन साधारण की आशा एवं विश्वास का केन्द्र बनकर उभर रहें राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी के साथ मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहे ताकि रालोद को एक राजनीतिक विकल्प के रुप में खड़ा किया जा सकें और चौधरी साहब चरण सिंह जी के सपनों का भारत बनाया जा सकें. ओंकार सिंह ने निचले स्तर से सार्वजनिक जीवन की शुरूआत किया इसलिए उम्र के इस पड़ाव पर उनको राजनीतिक - सामाजिक मुद्दों को लेकर अच्छी समझ हैं।आज भी वे इस महादेश में किसानों , मजदूरों , श्रमिक समाज के हित में चलने वाले आंदोलनों - कार्यक्रमों ... में पूरे उत्साह के साथ हिस्सेदारी करते हैं।वे कभी इसमें नहीं उलझते कि उनके पास संसाधन कम हैं कि ज्यादा , बस वे लोकहित के मुद्दों पर सदैव संघर्ष की मानसिक दशा में रहते हैं।आज राजनीति में जब नई पीढ़ी का एक बढ़ा हिस्सा  सुख - सुविधाओं की ओर ही स्वयं को केंद्रित किये हुए  हैं तब ओंकार सिंह जैसे जन संघर्षों से निखरें व्यक्तित्व से बहुत कुछ सीखा जा सकता हैं , प्रेरित हुआ जा सकता हैं कि कैसे सार्वजनिक हित के लिए बड़ी - बड़ी लड़ाइयां न्यूनतम संसाधनों से भी लड़ी जाती है।अब देखना यह है कि समाजवादी सोंच में पले - बढ़े ओंकार सिंह के व्यक्तित्व - कृतित्व का कितना लाभ राष्ट्रीय लोकदल उठा पाता है ? 

ओंकार सिंह जी , राष्ट्रीय सचिव: राष्ट्रीय लोकदल के जन्मदिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं।

             

नैमिष प्रताप सिंह

राष्ट्रीय प्रवक्ता 

नवभारत पत्रकार एसोसिएशन